सिविल सेवा परीक्षा यानी कि यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा के रूप में जाना जाता है। बहुत से लोग इसके लिए तैयारी करते हैं, लेकिन कामयाबी उन्हें ही मिल पाती है, जिनकी मेहनत सही दिशा में होती है और जिनके मन में दृढ़ विश्वास होता है। बिहार की रहने वाली अभिलाषा में इसे सच करके दिखाया है। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 18वीं अंक हासिल की है। अभिलाषा के लिए सफलता की सीढ़ियां चढ़ना इतना भी आसान नहीं रहा। कड़ी मेहनत तो उन्होंने जरूर की, लेकिन समाज के ताने भी उन्हें सुनने पड़े थे।
शादी का दबाव
जैसा कि पहले से होता रहा था, उन पर शादी का दबाव बढ़ने लगा था। मां-बाप उनकी शादी करना चाह रहे थे। हालांकि, अभिलाषा इसके लिए तैयार नहीं थीं। उन्होंने अपने मां-बाप को यह भरोसा दिलाया कि वे बहुत जल्द अपने सपनों को साकार कर लेंगी। इसके बाद वे शादी जरूर करेंगी।
नाकामयाबी के बाद रुकी नहीं
अभिलाषा ने फिर कड़ी मेहनत की। साल 2014 में जब उन्होंने पहली बार परीक्षा दी तो उनका प्री भी नहीं निकल पाया था। भले ही वे असफल हो गईं, लेकिन उन्होंने अपनी तैयारी करना बंद नहीं किया। वर्ष 2016 में उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में 308वीं रैंक मिली थी और आईआरएस सेवा के लिए उनका चयन हो गया था। इससे संतुष्ट नहीं होने पर उन्होंने वर्ष 2017 में एक बार फिर से तीसरा प्रयास किया और इस बार उन्हें 18वीं रैंक मिल गई।
बचपन से ही थीं होशियार
अभिलाषा यह कहती हैं कि उन्हें अपने परिवार से पूरा सपोर्ट मिला था। बचपन से ही अभिलाषा पढ़ने में काफी होशियार रही थीं। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में भी उन्होंने टॉप भी किया था। इंजीनियरिंग परीक्षा की भी उन्होंने तैयारी की थी। महाराष्ट्र के एएस पाटिल कॉलेज से उन्होंने बीटेक भी किया और नौकरी भी की थी। नौकरी करते हुए उन्होंने परीक्षा की तैयारी की थी। अभिलाषा ईमानदारी से मेहनत कर रही थीं, इसलिए वे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कामयाब रहीं।