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चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नये मुख्यमंत्री, प्रदेश के पहले दलित सीएम होंगे, रंधावा को डिप्टी सीएम

New Delhi : कांग्रेस ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुये रविवार को चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का नया मुख्यमंत्री घोषित किया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब के कांग्रेस विधायक दल के नेता के नाम की घोषणा करने के लिये ट्विटर का सहारा लिया। हरीश रावत ने ट्वीट किया- चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है। इस बीच पंजाब के नये मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा, जिन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह का उत्तराधिकारी माना जाता है, ने कहा कि वह ‘बिल्कुल निराश नहीं हैं।’ सुखजिंदर सिंह रंधावा ने संवाददाताओं से कहा- यह आलाकमान का फैसला है…, मैं इसका स्वागत करता हूं। चन्नी मेरे छोटे भाई की तरह है। मैं बिल्कुल भी निराश नहीं हूं।

पंजाब राजभवन (गवर्नर हाउस, पंजाब) के पीआरओ के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत शाम 6:30 बजे पंजाब राजभवन का दौरा करेंगे। चन्नी कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह लेंगे, जिन्होंने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच महीनों तक चली खींचतान के बाद शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
यह घटनाक्रम कांग्रेस के दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद आया। राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू सत्ता की लड़ाई में भिड़ गये थे। नवजोत सुखजिंदर सिंह रंधावा के सीएम बनाने पर राजी नहीं हुये जिसके बाद सिद‍्धू के करीबी चन्नी का नाम आगे बढ़ाया गया। चन्नी ने ही कैप्टन सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका था।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि जिस तरह से पार्टी ने लंबे समय से चले आ रहे संकट से निपटा है, उससे वह “अपमानित” महसूस करते हैं। कांग्रेस के शक्तिशाली क्षेत्रीय क्षत्रपों में से एक 79 वर्षीय अमरिंदर सिंह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करने के बाद और शाम को चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की एक महत्वपूर्ण बैठक से कुछ समय पहले अपना इस्तीफा दे दिया।
अमरिंदर सिंह की जगह नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा पूर्व पीसीसी प्रमुखों सुनील जाखड़ और प्रताप बाजवा और राज्य के मंत्री सुखजिंदर रंधावा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया और तृप्त राजिंदर बाजवा के नाम की चर्चा हुई है। 1966 में राज्य के पुनर्गठन के बाद पंजाब में हमेशा एक सिख मुख्यमंत्री रहे हैं।

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