पटना
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान बन गए हैं। चिराग ने कहा है कि उन्हें पीएम मोदी की तस्वीर की जरूरत नहीं है। पीएम मोदी तो उनके दिल में बसते हैं। चिराग ने मीडिया के सामने यहां तक कह दिया कि कहो तो सीना चीर कर दिखा दूं। असली वाले हनुमान प्रभु श्रीराम के भक्त थे और माता सीता के लिए लंका नगरी को खाक कर आए थे। अब चिराग ने पीएम मोदी को ही राम और खुद को हनुमान मान लिया है। ऐसे में वो कौन सी लंका का विध्वंस करने निकले हैं, ये तो वहीं जानें। लेकिन चिराग का ये हनुमान रूप भाजपा को कुछ खास पसंद आया नहीं है।
दुविधा में न माया मिलेगी न राम
लोक जनशक्ति पार्टी के सभी प्रत्याशीयों को ढेर सारी बधाई।बिहार के आने वाले भविष्य लिए आप सभी का जीतना ज़रूरी है।जे॰डी॰यू॰ को वोट देने का मतलब बिहार को को पीछे धकेलना।लोजपा ना सिर्फ़ चुनाव लड़ रही है बल्कि जीत के आएगी और #बिहार1stबिहारी1st लागू करेगी। pic.twitter.com/tM5Khx3qvv
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 16, 2020
बड़ी पुरानी कहावत है कि संसारी से प्रीतड़ी, सरै न एको काम | दुविधा में दोनों गये, माया मिली न राम | शायद भाजपा को बिहार में इस कहावत का एहसास हो गया है। जब चिराग ने खुलेआम नीतीश का विरोध करते हुए लोजपा-भाजपा मेल की घोषणा कर दी तो जदयू के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर इसे भाजपा का प्लान बी बताना शुरू कर दिया। भाजपा ने चिराग के दावों को काटा और नीतीश को ही नेतृत्व का चेहरा कहा, लेकिन चिराग कहां मानने को तैयार। भाजपा ने यहां तक कह दिया कि पीएम मोदी की तस्वीर को दूसरे अपने प्रचारों में इस्तेमाल न करें।
वो क्या जाने पीर पराई, जाके पांव न फटी बिवाई।
ये न पिछड़ों के हैं, न दलितों के हैं, न महादलितों के, न गरीबों के।
चांदी का चम्मच मुंह में लेकर पैदा होनेवाले ये लोग गरीबों का दर्द क्या जानेंगेः श्री @byadavbjp pic.twitter.com/AkV8t2Gipc
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) October 17, 2020
चिराग ने इतना सुनते ही खुद को पीएम मोदी का हनुमान बता दिया। अब भाजपा को समझ में आया कि दुविधा दिखाई तो मतदाता भ्रमित हो सकता है। ऐसे में बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। बिहार में भाजपा और जदयू एक हैं और सीएम नीतीश कुमार ही बनेंगे।
पर क्या केवल ऐसा कह देने मात्र से मामला सुलट जाएगा? खैर ये तो वक्त ही बताएगा कि लोजपा से भाजपा असली फाइट कर रही है कि फ्रेंडली फाइट। क्योंकि भाजपा के कुछ पूर्व नेता लोजपा के टिकट पर लड़ भी रहे हैं। तो लोगों का यह भी कहना है कि अगर सीटें नीतीश की कम हुईं तो बिहार में नए तरह के गठबंधन देखने को मिल सकते हैं।