दिल्ली की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संवाददाताओं से बात करते चिराग पासवान। Image Source : PTI

शक्ति प्रदर्शन और इमोशनल कार्ड : 5 जुलाई से पिता की जयंती पर बिहार में ‘आशीर्वाद यात्रा’ करेंगे

New Delhi : लोक जनशक्ति पार्टी के नियंत्रण के लिये जारी खींचतान के बीच चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि वह अगले महीने अपने पिता की जयंती के अवसर पर पूरे बिहार में रोड शो करेंगे। चिराग ने कहा- मेरे पिता की जयंती 5 जुलाई को पड़ती है। मेरे पिता और मेरे चाचा अब मेरे साथ नहीं हैं। इसलिये, हमने 5 जुलाई से हाजीपुर से ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकालने का फैसला किया है। यह यात्रा बिहार के सभी जिलों से होकर गुजरेगी। हमें लोगों से अधिक प्यार और आशीर्वाद की जरूरत है। इससे पहले दिन में पासवान ने एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लिया, जिसमें सदस्यों ने निष्कासित सदस्यों द्वारा लोजपा के सिंबल, नाम और झंडे के इस्तेमाल का विरोध किया।

 

चिराग ने कहा- दिवंगत रामविलास पासवान जी को भारत रत्न दिलाने और बिहार में उनकी एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की मांग उठी। लोजपा के नियंत्रण को लेकर अपने चाचा पशुपति पारस के साथ कड़वी लड़ाई में फंसे चिराग पासवान का रोड शो आयोजित करने का फैसला ताकत के प्रदर्शन के रूप में सामने आया है। चिराग ने रविवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। जबकि पशुपति पारस के नेतृत्व वाले लोजपा गुट ने गुरुवार को पटना में एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन कर पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की नौटंकी की।
चिराग ने अपने चाचा के नेतृत्व वाले असंतुष्टों पर पलटवार करते हुये कहा- मैं अभी भी पार्टी अध्यक्ष हूं क्योंकि पटना की बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आवश्यक कोरम नहीं था। पिछले सोमवार को पारस ने लोजपा के बचे हुये पांच सांसदों में से चार के समर्थन का दावा किया था और चिराग को संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया था। मंगलवार को पारस गुट ने कहा कि उसने चिराग को लोजपा प्रमुख के पद से हटा दिया है। बदले में चिराग ने जूम पर लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की और पार्टी से पांच ‘बागी’ सांसदों को निकालने की घोषणा की। लोजपा नेताओं ने कहा कि प्रस्ताव चुनाव आयोग और लोकसभा अध्यक्ष को भेज दिया गया है। चिराग ने 31 मार्च को पारस को लिखा एक पत्र भी जारी किया, जो दर्शाता है कि अक्टूबर 2020 में लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के निधन के बाद से पारस उनसे नाराज थे।
चिराग ने अपनी पार्टी में विभाजन के लिये जनता दल (यूनाइटेड) को भी दोषी ठहराया है, लेकिन विकास में भाजपा की भूमिका के बारे में सवालों से किनारा कर लिया है। उन्होंने पारस के नेतृत्व वाले धड़े द्वारा लिये गये फैसलों को यह कहते हुये खारिज कर दिया है कि पार्टी का संविधान उन्हें ऐसी किसी भी शक्ति को अधिकृत नहीं करता है।

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