पटना : बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने कुछ ऐसा फैसला लिया है जिससे युवाओं को किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से पहले सौ बार सोचना होगा। अब सोचिये हर विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र विरोध प्रदर्शन तो करते हैं ही। और विरोध प्रदर्शन प्रशासन के रवैये से कब आक्रामक हो जाये यह भी पता नहीं होता। क्यों हो जाये विरोध प्रदर्शन यह भी अंदाजा नहीं होता। युवावस्था में खासकर स्टूडेंट्स ऐसे प्रदर्शनों में शामिल होते रहे हैं। सालों से। देश का इतिहास बताता है कि इन प्रदर्शनों और विरोध से ही देश की दिशा और दशा निर्धारित होती रही है। स्टूडेंट मूवमेंट से ही भारत में वो क्रांतिकारी परिवर्तन आया जिसे आज हम पूरी शिद्दत से महसूस कर रहे हैं। नीतीश कुमार, सुशील मोदी जैसे नेता इस स्टूडेंट मूवमेंट की देन हैं।
मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे
बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है? pic.twitter.com/h0TDkuR5vP
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 2, 2021
रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आँखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे है।
आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया। यक़ीन मानिए ऐसी कहानी Cग्रेड की घिसी-पिटी फ़िल्मों में भी नहीं मिलेगी।आपको पुलिस की कहानी ज़रूर सुननी चाहिए https://t.co/q1HE5PrhdR
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 3, 2021
लेकिन अब नीतीश कुमार चाहते हैं कि स्टूडेंट्स ऐसे विरोध प्रदर्शन में शामिल न हों जिनमें आक्रामकता की आशंका हो। अगर ऐसा करेंगे तो आपको सरकारी नौकरी के लिये अयोग्य करार दिया जायेगा। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने एक निर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अगर कोई हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग लेता है, तो वह सरकारी नौकरी और अनुबंध के लिए पात्र नहीं होगा। आदेश में कहा गया है कि पुलिस एक व्यक्ति के आचरण प्रमाण पत्र में उसी को सूचीबद्ध कर सकती है।
डीजीपी एसके सिंघल ने निर्देश जारी कर कहा है- यदि कोई व्यक्ति कानून और व्यवस्था की स्थिति, विरोध, सड़क जाम में उलझकर किसी भी आपराधिक कृत्य में शामिल है और इस प्रकार पुलिस द्वारा आरोपित किया जाता है, तो इसका विशिष्ट उल्लेख पुलिस द्वारा चरित्र सत्यापन रिपोर्ट में किया जाएगा। आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि ऐसे लोगों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि वे सरकारी नौकरी पाने या सरकारी निविदाओं के लिए आवेदन करने में सक्षम नहीं होंगे।
इस बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार की खिंचाई की। तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके पूछा- 40 सीटों वाले गरीब मुख्यमंत्री इतने डरे हुए क्यों हैं? नीतीश कुमार, जो मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे हैं, का कहना है कि अगर किसी ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल बिजली व्यवस्था के खिलाफ विरोध करने के लिए किया, तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। इसका मतलब है कि वे नौकरी भी नहीं देंगे और किसी को भी विरोध नहीं करने देंगे।