हिलसा के पैतृक आवास पर भी पुलिस ने मारा छापा। इनसेट में डीएसपी। Image Source : Live Bihar/ Vishal kumar

खाकी के रौब से अकूत संपदा – डीएसपी ने करोड़ों की जमीनें खरीदीं, पटना से हरियाणा तक संपत्ति

Patna : बिहार में रोज करोड़पति मुलाजिमों के सामने आने का सिलसिला जारी है। अब इस कड़ी में नया नाम सामने आया है डीएसपी पंकज कुमार रावत का। भाई साहब ने तो अपने इर्दगिर्द मकानों का पूरा जखीरा ही सजा रखा है। जहां पोस्टिंग हुई वहीं जमीन खरीद लिया। बिहार में कई जगह मकान, फ्लैट से जी नहीं भरा तो फरीदाबाद में भी कई बुकिंग कर डाली। एलआईसी और म्यूचुअल फंड की तो पूछिये ही मत। जमीनों से जुड़े इतने दस्तावेज मिले हैं कि बिहार पुलिस भी सबकुछ समझकर जानकारी देने में काफी समय लगने की बात कर रही है। इतना तो तय है पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेन्स विंग को रावत के करोड़ों की अकूत संपदा का पता चला है। बिहार में जमीन जायदाद के भाव आसमान पर हैं, वो सबको पता है। ऐसे में अगर किसी के पास हर शहर में जमीन हो तो यह पता कर पाना मुश्किल नहीं कि उसकी कीमत क्या हो सकती है?

पुलिस की शुरुआती इंटरनल जांच से पता चला है कि रेत के खेल में उसने माफिया से साठगांठ कर काफी काला धन कमाया। इतना पैसा कमाया कि उन्होंने पटना से लेकर हरियाणा तक कई संपत्तियां खरीदीं। रियल एस्टेट से लेकर बीमा पॉलिसियों तक में किया बड़ा निवेश। शनिवार की सुबह से देर शाम तक चली इकोनॉमिक ऑफेन्स विंग (ईओयू) की छापेमारी के दौरान सामने आईं। पटना के दीघा गार्डन इलाके में जमीन, एसके पुरी थाना अंतर्गत बोरिंग रोड में फ्लैट, दानापुर के शताब्दी मॉल में दो दुकानों और हरियाणा के फरीदाबाद में पंकज ने फ्लैट खरीदने का दस्तावेज तो मिल भी गया है। इसके अलावा एलआईसी, बजाज में बड़े निवेश और खरीदी गई संपत्ति के दस्तावेज जांच टीम के हाथ में हैं। काले धन से खरीदी गई सभी संपत्तियां और अन्य निवेश डीएसपी, उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम हैं।
डीएसपी साहब ने हर साल राज्य सरकार को दी गई संपत्ति की घोषणा में ज्यादा जानकारी नहीं दी थी। सब कुछ छिपा रखा था। ईओयू टीम ने सरकार को दी गई संपत्ति की घोषणा के साथ बरामद संपत्ति और निवेश के विवरण का मिलान किया। एडीजी नैयर हसन खान के मुताबिक, उनकी टीम को छापेमारी के दौरान और भी कई अहम दस्तावेज मिले हैं। सबकी बारीकी से जांच चल रही है। भोजपुर में उन पर बालू का दलाली का मामला सामने आया था। लेकिन यहां से पहले उन्होंने मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, वैशाली, भभुआ और खगड़िया में अपनी पोस्टिंग के दौरान भी अवैध रूप से अकूत संपदा इकट‍्ठा की।
पंकज कुमार रावत पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। उनके काम करने के तरीके पर नजर रखी जा रही थी। संदिग्धों, बिचौलियों और बालू माफियाओं से उसके काफी अच्छे संबंध थे। वह रेत के अवैध कारोबार में माफिया को पूरा सहयोग दे रहा था। इसी वजह से राज्य सरकार ने पहले इनके खिलाफ आंतरिक जांच की। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद 3 सितंबर को ईओयू ने पटना में आय से अधिक संपत्ति की एफआईआर नंबर 15/2021 दर्ज की। साथ में कोर्ट से सर्च वारंट भी ले लिया गया। इसके बाद शनिवार को ही अलग-अलग टीमों ने पटना के बोरिंग रोड स्थित पंकज कुमार रावत के फ्लैट, दानापुर के नासरीगंज घर और नालंदा के हिलसा स्थित पैतृक घर में भी छापेमारी की।

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