पश्चिमी चंपारण में कतराव नाम का एक गांव है। इसे खुशहाल गांव के नाम से भी जाना जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश की आजादी के बाद से लेकर आज तक इस गांव में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं किसी ने कराई है। यही नहीं, इस गांव से अदालत में भी आज तक कोई भी मामला नहीं पहुंचा है। यह एक आदर्श गांव है। लगभग पांच हजार लोग इस गांव में रहते हैं। आदिवासियों का एक समूह भी यहां निवास करता है।
पूर्व डीजीपी कर चुके हैं दौरा
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे भी इस गांव का दौरा कर चुके हैं। भारत और नेपाल सीमा से यह गांव बिल्कुल सटा हुआ है। सबसे बड़ी बात है कि यह गांव महिला सशक्तिकरण का भी एक बड़ा उदाहरण है। पंचायतों की महिला सदस्यों को यहां बड़े अधिकार मिले हुए हैं।
गांधी जी के विचारों का अनुसरण
जो भी महिलाओं से संबंधित मुद्दे होते हैं, ये महिला सदस्य ही इन्हें सुलझा लिया करती हैं। गांव के पुरुष इन मामलों में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं करते हैं। महात्मा गांधी के जो विचार थे, इस गांव के लोग पूरी तरीके से इनका अनुसरण करते हुए नजर आते हैं। गांधी जी का भीतिहरवा आश्रम भी इस गांव से मुश्किल से 15 किलोमीटर की दूरी पर ही बना हुआ है। इसमें कोई शक नहीं कि पूरे देश के लिए यह गांव एक आदर्श गांव बना हुआ है। गांव वालों की कोशिश है कि गांव की यह छवि हमेशा इसी तरह से बरकरार रहे।