मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

अब पोर्टल से भूमि विवाद की होगी मॉनिटरिंग, नए और लंबित मामलों की भी होगी जानकारी

पटना : बिहार में जमीन विवाद के निपटारे के लिए एक और विशेष पहल की गई है। जमीन विवाद से जुड़े मामलों की मॉनीटरिंग के लिए गृह विभाग भू-समाधान पोर्टल विकसित कर रहा है। इसे विभाग जल्द ही लांच करने की योजना है। राज्य भर के भूमि विवाद से जुड़ा लेखा-जोखा होगा। प्रखंड, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर आए जमीन विवाद के नए मामलों के साथ निष्पादित और लंबित मामलों की भी पूरी जानकारी रहेगी। इस संबंधित पुलिस मुख्यालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ इस साल जनवरी में जमीन विवाद से जुडे 11710 मामले आए हैं, जिसमें से 11332 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है। 2021 में एक लाख 18 हजार 266 भूमि विवाद से जुड़े मामले राज्य भर में मिले। इसके खिलाफ 89317 मामलों का भी निष्पादन हो सका है। लंबित मामलों को जल्द निपटाने का निर्देश पुलिस मुख्यालय की ओर से दिया गया है।

भूमि विवाद निपटारे को दो माह में हुई 7300 बैठकें
सूबे में जमीन विवाद के मामले निपटाने के लिए तीन स्तर पर मॉनिटरिंग तीन स्तरीय मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। हर शनिवार को थाना स्तर पर हर 15 दिनों पर अनुमंडल स्तर पर और हर महीने एक बार डीएम और एसपी के स्तर पर जिलास्तरीय बैठकें की गईं। पुलिस मुख्यालय के अनुसार इस साल जनवरी में 4034, फरवरी में 3318 बैठकें हुईं, जिसमें जमीन विवाद निपटाने की कोशिश की गई। वहीं, 2021 में जिला स्तर 373, अनुमंडल स्तर पर 1700 बैठकें हुईं। प्रखंड एवं थाना स्तर पर 26802 बैठकें हुई थीं।

जमीन और कागजात।

अब रजिस्ट्री से पहले थर्ड पार्टी करेगी स्थल निरीक्षण
जमीन खरीद-बिक्री के नियम में बड़ा बदलाव हुआ है। अब जमीन की रजिस्ट्री से पहले थर्ड पार्टी स्थल निरीक्षण करेगी। इसकी शुरुआत अप्रैल से की जा रही है। मंत्री सुनील कुमार वित्तीय वर्ष 2022-23 के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के बजट पर वाद-विवाद के बाद वह विधान परिषद में सरकार का उत्तर दे रहे थे। मंत्री ने यह भी बताया कि निबंधन विभाग के 11 नए कार्यालय खोले जा रहे हैं। कहा कि दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन करा रहे हैं। इससे लोग देख सकेंगे पुराने समय में दस्तावेज कैसे होते थे। विभाग ने स्थल निरीक्षण जमीन निबंधन में गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए शुरू करा रहे हैं।

रजिस्ट्री के दिन ही मिल जाएंगे जमीन, फ्लैट के सभी कागजात
अब रजिस्ट्री से जुड़े कागजात के लिए लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। रजिस्ट्री के दिन ही सभी कागजात मिले जाएंगे। आवेदकों को अब लोक सेवा गारंटी कानून यानी आरटीपीएस काउंटर पर भी नहीं जाना पड़ेगा। फिलहाल रजिस्ट्री करवाने के पांच दिन तक कागजात के लिए इंतजार करना पड़ता है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इसके लिए सभी प्रमंडल और जिला अवर निबंधकों को निर्देश दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि आरटीपीएस की व्यवस्था मुख्यत: उन लोगों के लिए है, जिनके कागजातों में कोई भी समस्या नहीं हो। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने अन्य फैसले में निबंधन कार्यालयों में दस्तावेज नवीसों के लिए शेड बनाने की बाध्यता को खत्म कर दिया है। इससे संबंधित 40 साल पुराने संकल्प को भी रद्द कर दिया है।

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