पटना
अगर आपको लगता है कि बिहार विधानसभा चुनावों में केवल विपक्ष ही एकजुटता के संकट से जूझ रहा है तो आप पूरी तरह गलत हैं। एनडीए के सहयोगी भी एक दूसरे को राजनीतिक रूप से दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अब आप चिराग पासवान को ही ले लीजिए। एक तरफ तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा घोषणा कर चुके हैं कि एनडीए में सबकुछ ठीक है। वहीं दूसरी तरफ चिराग हैं कि बिहार सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एक-एक नए मोर्चे खोले जा रहे हैं। इस बार एलजेपी नेता चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को दो बिंदुओं पर एक साथ घेरा है।
असल में चिराग ने नीतीश सरकार के 7 संकल्प पर ही सवाल उठाए हैं। चिराग ने साफ कहा है कि ये 7 संकल्प जदयू-राजद-कांग्रेस की महागठबंधन सरकार की नीतियों पर आधारित हैं। चिराग के मुताबिक महागठबंधन नहीं रहा और नीतीश अब एनडीए के सीएम हैं तो बिहार में सात संकल्प नहीं बल्कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम लागू होने चाहिए। अब आप सोचिए कि चुनाव से ठीक पहले इस मांग के राजनीतिक निहितार्थ कहां-कहां तक जा सकते हैं।
आज @LJP4India के राष्ट्रीय अध्यक्ष @iChiragPaswan जी ने बिहार के मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी को पत्र लिख कर #JEENEET में बैठ रहे बिहारी बच्चों की समस्याएँ बतायी व लोजपा के तरफ़ से मांग की केन्द्र सरकार को बिहार के मौजुदा स्थिति से अवगत कराये एवं परीक्षा टालने का आग्रह करें। pic.twitter.com/Rn7vUtAITL
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) August 25, 2020
चिराग ने केवल न्यूनतम साझा कार्यक्रम की बात नहीं कही है बल्कि नीट और जेईई परीक्षा से जुड़ी अपनी मांग को एक बार फिर दोहराया है। चिराग ने इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार को फिर चिट्ठी लिखी है। चिराग ने साफ लिखा है कि बिहार में इन दोनों महत्वपूर्ण परीक्षाओं के आयोजन के लायक माहौल नहीं है। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल केंद्र और प्रदेश सरकारों पर इन परीक्षाओं को नहीं कराने का दबाव बना रहे हैं। लेकिन चिराग सरकार में रहते हुए ही ये दबाव बनाते दिख रहे हैं।
#JEE_NEET की परीक्षा के विषय पर आदरणीय @DrRPNishank जी को आज एक पत्र ईमेल व फ़ैक्स द्वारा भेजा है ताकि उनको बच्चों व उनके अभिववको द्वारा बताई गई समस्या से अवगत करवा सकूँ। मुझे आशा ही नहीं विश्वास है की अभिववकों द्वारा बताई सभी बातों की समीक्षा कर बच्चों के हितों की रक्षा करेंगे। pic.twitter.com/mwsSYlmSHv
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) August 20, 2020
चिराग ने आशंका जताई है कि अगर इस परीक्षा को आयोजित किया गया तो एक बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण का शिकार हो सकती है। विभिन्न मुद्दों को लेकर एलजेपी नेता के लगातार हमलों ने नीतीश सरकार के सामने एक असहज स्थिति पैदा कर रखी है। यही वजह है कि जदयू नेता भी एलजेपी के खिलाफ लगातार हमलावार नजर आ रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में ये देखना रोचक होगा कि ये सरकार को घेरने की नीति महज राजनीतिक स्टंट और सीट शेयरिंग पर दबाव बढ़ाने के लिए है या इसके राजनीतिक मायने आगे तक जाते हैं।