60000 करोड़ लेकर भागा हुआ है साइनसिटी बिल्डर, दुबई में कर रहा मौज, रेरा का एसआईटी, ईडी से जांच कराने का आदेश

Patna : साइनसिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट और साइनसिटी चेरेटियर रिलायबल सर्विसेज ने लोगों के करोड़ों रुपये हड़प लिये हैं। प्रताड़ित लोगों ने तो आरोप लगाया है कि कम से कम 60 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हो गये हैं। इसके मालिकान पटना से लोगों के पैसे लेकर दुबई फरार हो गये हैं और वहां पर ऐशो आराम के साथ अपना बड़ा कारोबार कर रहे हें। यहां लोगों के नाम पर करोड़ों की रुपये की ठगी लगातार करते रहे लेकिन शिकायत के बाद भी समय रहते कार्रवाई नहीं की गई। अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती तो उसके फ्रॉडिज्म पर रोक लगाई जा सकती थी।

बता दें कि नौबतपुर में साइनसिटी इंफ्राप्रोजेक्ट और साइनसिटी चेरेटियर रिलायबल सर्विसेज के नाम पर प्रोजेक्ट बनाने का झांसा देकर कई लोगों से करोड़ों रुपये हड़पने के मामले की जांच के लिये बिहार रेरा (रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने डीजीपी को एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में रेरा के अध्यक्ष नवीन कुमार और सदस्य आरबी सिन्हा व नूपुर बनर्जी की संयुक्त बेंच ने कहा है कि साइनसिटी के प्रोमोटर विदेश भाग गये हैं इसलिए उन्हें पकड़ने के लिये ईडी की मदद लें। रेरा ने कहा है कि इस काम में आर्थिक अपराध के मामलों को संभालने में अनुभव रखने वाले सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों की सेवाएं भी ली जा सकती हैं।
नौबतपुर के सीओ को साइनसिटी इंफ्राप्रोजेक्ट का भूमि अभिलेख और जमाबंदी रजिस्टर देने को कहा गया है। अगली सुनवाई 28 जून को होगी और यदि प्रतिवादी कंपनी उस दिन उपस्थित नहीं होती है तो दस्तावेजों के आधार पर एकपक्षीय निर्णय लिया जा सकता है।
शिकायतकर्ताओं के वकील ने अनुमान जताया कि प्रोमोटरों ने कई राज्यों के खरीदारों से पैसा लेकर 60 हजार करोड़ का गबन किया है। नौबतपुर के मामले में रेरा के अंतरिम आदेश के बावजूद अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। रेरा ने कहा कि प्रोमोटरों के खिलाफ नौबतपुर थाना के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी मामले दर्ज हैं। ऐसे में यूपी के डीजीपी से भी बात कर अनुसंधान को आगे बढ़ाने की जरूरत है। शिकायतकर्ताओं की जमा राशि की ब्याज समेत वापसी या बुक किये गये भूखंडों पर आवंटियों को कब्जा दिलाया जा सकता है।

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