चुप रहने की चेतावनी : सोशल मीडिया पर सरकार, मंत्री, सांसद, अफसर पर आपत्तिजनक बोला तो केस

पटना : बिहार की नीतीश सरकार ने चुप रहने की चेतावनी जारी की है। बिहार के आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने सरकार के सभी सचिवों को निर्देश जारी कर कहा है कि अगर सोशल मीडिया या इंटरनेट के किसी माध्यम पर सरकार, मंत्री, विधायक, सांसद या अफसरों के खिलाफ किसी भी तरह की आपत्तिजनक या अभद्र टिप्पणी की जा रही हो तो उसकी विस्तृत जानकारी आर्थिक अपराध इकाई को उपलब्ध करायें ताकि ऐसी टिप्पणी करनेवाले व्यक्ति या संगठन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा है कि इस तरह की टिप्पणी कानून के विपरीत है और साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। इस आदेश के जारी होने के बाद से बिहार में बवेला मचा है

सरकार का फरमान

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के इशारे पर ही इस तरह का कानून प्रभावी करने की कोशिश हो रही है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र की अवहेलना कर लोगों के मुंह पर ताला लगाने की मुहिम चलाई जा रही है। यह लोगों की अभिव्यक्ति की अवहेलना है। मैं कहना चाहूंगा कि बिहार में नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं। और बिहार में अपराधियों का राज कायम हो गया है। सरकार लोगों की बेहतरी का काम नहीं कर रही है अलबत्ता लोगों को किसी भी तरह चुप कराने में लगी है ताकि लोगों के सामने सरकार की खामियां उजागर नहीं हो। यह बिलकुल गलत है।

इससे पहले 21 जनवरी की तारीख से सभी विभागीय सचिवों और प्रधान सचिवों को आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक का आदेश मिला जिसमें कहा गया है कि ऐसा देखा जा रहा है कि व्यक्ति या संगठन सोशल मीडिया पर सरकार, मंत्री, सांसद, विधायक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। अफसरों और सरकार के बारे में भ्रामक खबर फैला रहे हैं। ऐसे में इन पर अंकुश लगाने के लिये साइबर कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने सभी को इस तरह का मामला सामने आते ही आर्थिक इकाई को सारे तथ्यों और जानकारियों के साथ शिकायत करने का आदेश दिया गया है। शिकायत मिलने के बाद केस करके मामले में कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
सरकार के इस आदेश का मीडिया में खासकर सोशल मीडिया पर पुरजोर विरोध शुरू हो गया है। विपक्षी दलों के नेता इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। तमाम जगह पर ऐसी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। हालांकि कुछेक लोग यह भी मान रहे हैं कि बिहार में सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे व्यक्ति और संगठन वास्तव में सक्रिय हैं जो मर्यादाओं को ताक पर रख अफसरों के खिलाफ ओछी भाषा का प्रयोग करते हैं। खासकर हाल ही में हुये एक कांड को लेकर कुछ लोगों बेहद अमर्यादित तरीके से सरकार और पुलिस अफसरों की ऐसी तैसी की। मानो अफसरों ने ही इस घटना को अंजाम दिया हो। यही नहीं कुछ लोगों ने आईएएस अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठाना शुरू कर दिया और वो भी बिना किसी तथ्य के।

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