अंशु प्रिया यादव, शुभ्रा शर्मा और अंकिता अग्रवाल। Image Source : social media

नारी शक्ति योजना का डंका- 22 को प्रोत्साहन राशि मिली थी, 5 ने यूपीएससी में परचम लहराया

Patna : यूपीएससी का परिणाम सामने आते ही मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना का भी डंका बजा। इस स्कीम के तहत ‘सिविल सेवा प्रोत्साहन कोष’ पाने वाली पांच छात्राओं ने भी सफलता का परचम लहराया है।
मुंगेर की अंशु प्रिया ने 16वां, सहरसा की शैलजा ने 83वां, मुजफ्फरपुर की शिवानी ने 122वां, पटना की प्रिया रानी ने 284वां, कैमूर की साक्षी कुमारी ने 330वां स्थान हासिल किया है। महिला एवं बाल विकास निगम की प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने बताया कि कुल 22 छात्राओं को एक-एक लाख रुपये दिये गये। इनमें से पांच सफल रही हैं।
बता दें कि इस बार बिहार के कटिहार के शुभंकर प्रत्यूष पाठक ने प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा परीक्षा, 2021 में 11वीं रैंक हासिल की है। इसी जिले के अन्य लड़के अमन अग्रवाल ने 88वां रैंक हासिल किया है। इन दोनों उम्मीदवारों ने अपने पहले प्रयास में परीक्षा पास की है।

पिछले साल कटिहार के शुभम कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था। शुभंकर प्रत्यूष पाठक मोतिहारी जिले के नारायणपुर गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार कटिहार कस्बा क्षेत्र के बरमासिया महंतनगर मोहल्ले में बस गया है।
शुभंकर वर्तमान में बैंगलोर में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। आईआईटी धनबाद से कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल करने के बाद वे बैंगलोर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे हैं।
शुभंकर के पिता राजेश कुमार पाठक केंद्र सरकार में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सचिव के पद पर तैनात हैं। बिहार के मुंगेर के सरकारी स्कूल के शिक्षक शैलेंद्र कुमार यादव की बेटी अंशु प्रिया यादव ने इस साल यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 16वीं रैंक के साथ पास की है।
औरंगाबाद की शुभ्रा शर्मा ने 197वीं रैंक हासिल की है। मोहनिया की साक्षी कुमारी ने 330वां रैंक हासिल किया है। नवादा के आलोक रंजन को 346वां रैंक मिला है। वह रोह प्रखंड के गोरीहारी गांव के रहने वाले हैं।

वहीं, रोहतास जिले के अमन आकाश ने यूपीएससी में 360वां रैंक हासिल किया है। बिक्रमगंज के शांति नगर मोहल्ला निवासी अमन ने एमपी में एसबीआई में मैनेजर के पद पर रहते हुए यह मुकाम हासिल किया है। औरंगाबाद के अंकित सिन्हा को 472वां रैंक मिला है।
इस बार सिर्फ अंकिता ही टॉप टेन में जगह बना पाई है। अंकिता का परिवार फिलहाल कोलकाता में रहता है। लेकिन अंकिता का बचपन पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने बिहारीगंज गुदरी बाजार में बीता। प्रारंभिक शिक्षा मॉडर्न पब्लिक स्कूल, बिहारीगंज में हुई।
अंकिता के दादा मलीराम अग्रवाल और पिता मनोहर अग्रवाल का बिहारीगंज में हार्डवेयर का कारोबार था। बिहारीगंज का कारोबार अपने रिश्तेदार (जीजाजी) को सौंपने के बाद मनोहर अग्रवाल कोलकाता शिफ्ट हो गए।
बातचीत के दौरान अंकिता अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इंटर की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, कोलकाता से की है। इंटर में उसे 97.5% अंक मिले थे। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गईं। उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई वहां के सेंट स्टीफंस कॉलेज से की।
वहीं रहकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। अंकिता ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता मनोहर अग्रवाल और मां किरण अग्रवाल और अपने पूरे परिवार को दिया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि सफलता समर्पण और कड़ी मेहनत से मिलती है। तो हिम्मत मत हारो।

अंकिता के पिता मनोहर अग्रवाल ने बताया कि अंकिता बचपन से ही मेधावी थीं। उन्हें पढ़ने की पूरी आजादी थी। उन्होंने भेदभाव नहीं किया। पहले वह इंजीनियरिंग की दिशा में थीं। बाद में उन्होंने खुद सिविल सर्विस की ओर रुख किया।

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