बिहार में भूमि विवाद हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने प्रदेश के 20 जिलों में जमीन का विशेष सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है। इसमें इन 20 जिलों के 295 अंचलों में केंद्र के साथ राज्य सरकार की जमीन के अलावा अन्य तमाम जमीन का भी सर्वेक्षण होना है। बता दें कि इस सर्वेक्षण में जीवित रैयत यानि जमीन के वर्तमान मालिक के नाम पर ही नया खतियान बनेगा।
राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे इस सर्वेक्षण से भूमि विवादों में ज़रूर कमी आएगी और इसका लाभ भी बिहार कि जनता को मिलेगा। मालूम हो कि भूमि के सर्वेक्षण का काम बिहार सर्वेक्षण बंदोबस्त नियमावली 2012 के अंतर्गत हो रहा है। इसके लिए सर्वे निदेशालय से 6 टीमें रवाना भी हो चुकी हैं।
किन जिलों में होगा सर्वेक्षण
नालंदा, जहानाबाद, मुंगेर, लखीसराय, सुपौल, अररिया, अरवल, कटिहार, किशनगंज, खगड़िया, जमुई, शिवहर, सहरसा, सीतामढ़ी, चंपारण, पूर्णिया, बांका, शेखपुरा, बेगूसराय और मधेपुरा में ज़मीनों का सर्वेक्षण किया जाना है। विदित हो कि इनमे से कई जिलों में 1950 के बाद से ही अभी तक जमीन का सर्वेक्षण नहीं किया गया था। इस वजह से यह सर्वेक्षण इन जिलों में और भी महत्वपूर्ण है।
सर्वेक्षण में क्या होगा
ज़मीनों के सर्वेक्षण में गांव की सीमा, भूखंडों का सीमांकन और जमीन संबंधी तथ्यों की जांच पड़ताल होनी है। सर्वेक्षण के दौरान ही वर्तमान मालिक के नाम खतियान बनाने का भी कार्य किया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों, अमीन, कानूनगो, लिपिकों की पदस्थापना का काम भी पूरा हो गया है।