लालू परिवार की तरफ से तो हरी झंडी, क्या चिराग इस रण के आखिरी मोर्चे के लिए तैयार?

पटना

बिहार में चुनाव नतीजों के बाद भी सियासी रस्साकस्सी खत्म होते नहीं दिख रही है। पहले विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार दिया, तो अब राज्यसभा चुनावों में सुशील मोदी की राह कठिन करने की कवायद शुरू हो गई है। असल में राम विलास पासवान के निधन के बाद राज्यसभा में उनकी सीट खाली हुई थी। भाजपा ने इस सीट पर सुशील मोदी को प्रत्याशी बना दिया है। वैसे चिराग पासवान ये सीट अपनी मां रीना पासवान के लिए चाह रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे यह साफ हो गया कि बिहार चुनावों के नतीजों ने चिराग की बारगेनिंग पावर को झटका जरूर दिया है।

महागठबंधन से उम्मीदवार बनेंगी रीना पासवान?

अभी बिहार के सियासी थिएटर में इस राज्यसभा चुनाव को लेकर एक चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि चिराग की मां रीना पासवान को महागठबंधन अपना उम्मीदवार बना सकता है। इसके लिए सबकी सहमति मिल चुकी है बस लालू प्रसाद यादव की तरफ से फाइनल नोड आना बाकी है। इसे लेकर चिराग पासवान ने भी अपने पत्ते अभी नहीं खेले हैं। असल में महागठबंधन इस कदम से दलित कार्ड को भी भुनाने की जुगत में है।

दलित कार्ड खेलने की कोशिश

चिराग का साथ मिला तो एक इमोशनल अपील भी की जा सकती है कि राम विलास पासवान के जाने का भी एनडीए ने ख्याल नहीं रखा। आपको बता दें कि तेजस्वी यादव इस एक सीट के मामले को खुद फ्रंट से लीड कर रहे हैं। अगर चिराग पासवान इसके लिए तैयार नहीं होते हैं, तो भी महागठबंधन की तरफ से किसी दलित को अपना उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इन दोनों ही स्थितियों में सुशील मोदी को जरूर एक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

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