Patna : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोग पहले से कहते रहे हैं, और अब यह बात साबित हो गई है कि नीतीश कुमार जनता मुख्यमंत्री नहीं हैं। जनता दरबार लगाना सिर्फ पैसे की बर्बादी करना है, वे ढोंग कर रहे हैं। नीतीश कुमार दिखावा करते हैं। 12 से13 करोड़ की आबादी वाले बिहार में सप्ताह में एक दिन में करीब 200 लोगों से मुख्यमंत्री मिलने का स्वांग रचते हैं। लेकिन हमें नहीं लगता कि इसका कोई फायदा होने वाला है। अलबत्ता इसके लिये लाव लश्कर लगता है। अधिकारियों को बुलाने, ठहराने का खर्च आदि पर लाखों रुपये सरकार का बर्बाद होता है। और मिलता क्या है? कुछ नहीं। किसी को कोई लाभ नहीं होता। इस जनता दरबार में शामिल होने को लेकर लोग दूर-दूर से आते हैं और इतनी मेहनत करने के बाद जब मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचते हैं तो मिलता है सिर्फ आश्वासन।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार पर तेजस्वी ने कहा कि 12-13 करोड़ की आबादी वाले बिहार में सप्ताह में एक दिन तकरीबन 200 लोगों से मुख्यमंत्री मिलते हैं। लेकिन हमें नहीं लगता कि इसका कोई फायदा होने वाला है। @yadavtejashwi @RJDforIndia @patna_RJD #Bihar pic.twitter.com/dHyxDOeDQy
— Abhishek kumar singh (@abhisheksing222) July 12, 2021
आज 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम के बाद माननीय सीएम श्री @NitishKumar ने बताया कि उन्हें लोक शिकायत निवारण कानून बनाने की प्रेरणा कैसे मिली थी।
आप भी सुनिए।👇#Bihar #BiharCares #JanataDarbar @Jduonline @UmeshSinghJDU @neerajkumarmlc @nikhilmandalJDU @Arvind_Nisaad pic.twitter.com/kvRUlasLxo
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'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में भाग लिया तथा 146 आवेदकों के मामलों की सुनवाई कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया। https://t.co/HNWlpFOwy0 (1/2) pic.twitter.com/f1TJh8UZfS
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तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं खुद ही रोज कम से कम 200 लोगों से मिलता हूं, रोज उनकी समस्याएं सुनता हूं और कोशिश करता हूं कि निराकरण हो। लेकिन जो उपाय मुख्यमंत्री कर रहे हैं उससे आम लोगों का भला होनेवाला नहीं है। उन्होंने साबित कर दिया है कि वे जनता के मुख्यमंत्री नहीं हैं, वे सिर्फ अफसरों के मुख्यमंत्री हैं। यहां सिर्फ अफसरों की चलती है और अफसरों की सुनी जाती है।
इधर आज पांच साल बाद मुख्यमंत्री का पहला जनता दरबार सजा। कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए जनता दरबार में कई सावधानियां बरती गईं। लेकिन सीएम हाउस के सामने लोगों का रैला लगा था। सारे प्रोटोकॉल छुट्टी पर चले गये थे। दूर दूर तक प्रोटोकॉल का निशान नहीं था। फरियादी अपनी बात मुख्यमंत्री से नहीं कह सके तो बाहर ही रोने गाने लगे। अपना दुखड़ा रो-रो कर सड़कों पर तमाशा करने लगे। वैसे जनता दरबार के भीरत नीतीश कुमार की टेबल के सामने शीशा की दीवार लगा दी गई थी। इससे नीतीश कुमार फरियादियों की बात को स्पष्ट सुन नहीं पा रहे थे। एक फरियादी ने सैलरी का जिक्र किया तो सीएम को सहेली सुनाई पड़ी। दूसरे ने जमुई का जिक्र किया तो नीतीश जमीन समझ बैठे।
#Bihar CM @NitishKumar blame WOMEN for #PopulationExplosion and says women needs to be educated to control population .. Hey Ram😲
I hope @narendramodi @JPNadda is listening to NK as they made him CM in Bihar. It's TIME for BJP to let go NK and make him RETIRE!@smritiirani https://t.co/7Lh2SlDwe8
— #Intolerant भारतीय (Sanjeev Goyal) (@goyalsanjeev) July 12, 2021
Transparency comes slowly slowly, Industrialists are requested to please come to #Invest in #Bihar #Industrialization_In_Bihar https://t.co/grD1VyAmQT
— Bimlendra Jha (@bimlendra_in) July 12, 2021
इसी तरह दिनभर तमाशा चलता रहा। बाहर लोगों की लंबी कतारें। सबको नियमानुसार अपना अपना नाम दर्ज करवाने और नंबर लेकर आने का आश्वासन देकर विदा कर दिया गया।