शत्रुघ्न सिन्हा जिस दिन कांग्रेस में शामिल हुये थे। फाइल फोटो। Image Source : Agencies

शत्रुघ्न सिन्हा जायेंगे तृणमूल कांग्रेस, ममता शाह-मोदी को आइना दिखाने भेजेंगी राज्यसभा!

New Delhi : अपने बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा क्या तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकत हैं? कांग्रेस को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस? फिलहाल तो अटकलें इसी तरह की हैं। खास यह है कि पश्चिम बंगाल से उन्हें तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा का सांसद भी बनाया जा सकता है। चूंकि उनके करीबी और वाजपेयी सरकार के कद‍्दावर मंत्री यशवंत सिन्हा पहले ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर ममता बनर्जी के चाणक्य बने हुये हैं तो ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर अटकलों को खारिज भी नहीं किया जा सकता है। वैसे भी शत्रुघ्न सिन्हा काफी समय से पैदल ही चल रहे हैं। न तो पार्टी में कोई कद‍्दावर पद और न ही संसद से लेनादेना। पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद कांग्रेस जाकर पटना से चुनावी ताल तो ठोंक दिया लेकिन हार गये। तब से बिहारी बाबू बेचैन ही चल रहे हैं। बीच में तो भाजपा वापसी की खबरें भी उड़ा दी गईं।

सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि ममता बनर्जी बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा को बंगाल से राज्यसभा का टिकट भी दे सकती हैं। ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी का विरोध करने वाले सभी लोगों को एकजुट करने की रणनीति पर काम कर रही हैं। यही वजह है कि शत्रुघ्न सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर ममता राज्यसभा भेज सकती हैं। सूत्रों की मानें तो 21 जुलाई को शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। दरअसल, 21 जुलाई को हर साल ममता बनर्जी की पार्टी शहीद दिवस मनाती हैं। इस बार इसका आयोजन वर्चुअल मोड में होगा। अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा भी इस रैली में शामिल होंगे।
अमूमन कि जैसा शत्रुघ्न सिन्हा का स्टाइल है। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं पर कोई जवाब नहीं दिया अलबत्ता घुमाफिराकर इशारा जरूर कर दिया। वे बोले, देखिये राजनीति में संभावनाओं के द्वार हमेशा खुले ही रहते हैं, राजनीति में यही आर्ट का फॉर्म है। वैसे भी पहले से ही कमजोर हो चुकी और अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस पार्टी में बिहारी बाबू को अपना भविष्य नहीं दिख रहा है। बंगाल चुनाव 2021 में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को बुरी तरह से पराजित किया और लगातार तीसरी बार ममता बनर्जी की सरकार बनी। शायद इसलिए शत्रुघ्न सिन्हा भी यशवंत सिन्हा की तरह अब ममता की छांव में राजनीति करने के लिये तैयार हैं। यशवंत सिन्हा पहले से ही तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं।

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