पटना : बिहार बहुत ही खास है। हमेशा ही यह देश को नई राह दिखाता रहता है। इसी तरीके से बिहार में देश की पहली आदिवासी महिला बटालियन भी है। बिहार सरकार की मदद से यह अब पूरी तरीके से तैयार हो चुकी है।
यहां बसती है यह जनजाति
इसका नाम है बिहार पुलिस स्वाभिमान वाहिनी। इसमें 675 महिला कॉन्स्टेबल शामिल हैं। इसमें जितनी भी महिलाएं हैं, ये सभी अनुसूचित जनजाति की हैं। यह अनुसूचित जनजाति बिहार के जमुई, बेतिया, रोहतास और अन्य हिस्सों में निवास करती है। एडीजी (सीआईडी) विनय कुमार का कहना है कि प्रशिक्षण के दौरान इस बटालियन की महिला सिपाहियों ने कमाल की क्षमता दिखाई है। यही नहीं, इनकी प्रोफेशनल स्किल भी बड़े ही उच्च स्तर की है।
हो चुका है पास आउट परेड
बीते फरवरी में स्वाभिमान वाहिनी बटालियन का पास आउट परेड भी पटना के मिथिलेश स्टेडियम में आयोजित किया गया था, जिसमें इन्होंने अपनी स्किल और ताकत दिखाई थी। समारोह के मुख्य अतिथि तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे थे।
बटालियन का स्थाई हेडक्वार्टर
महिला कांस्टेबल करुणा हंसदा ने इस परेड का नेतृत्व किया था। बटालियन का स्थाई हेडक्वार्टर पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि नगर में बन रहा है। बताया जा रहा है कि इस बटालियन के हेडक्वार्टर के निर्माण के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। बिहार सरकार राज्य में सभी क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयास कर रही है। इस बटालियन को खड़ा करना भी सरकार के इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है।
सराहनीय पहल
द इंडिया जस्टिस रिपोर्ट, 2019 के मुताबिक भारत में पुलिस में महिलाओं की तादाद सिर्फ 6 फ़ीसदी है। ऐसे में बिहार सरकार जो महिलाओं को पुलिस बल का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, वह वाकई एक सराहनीय कदम है।