पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान की फाइल फोटो। Image Source ; Social Media

चिराग लोजपा की कार्यकारिणी आज, पारस बोले- ओम बिड़ला ने टके सा जवाब दे समझा दिया, अब क्या तमाशा?

Patna : लोक जनशक्ति पार्टी में दोतरफा वार तेज है। लोजपा सांसद चिराग पासवान कार्यकारिणी की बैठक करनेवाले हैं। पार्टी सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पार्टी में ‘लोकतंत्र की कमी’ की हमारी चिंता को वास्तविक पाया और यह कहते हुये की आपकी चिंता वास्तविक है उन्होंने चिराग पासवान के नेतृत्व को बदलने का निर्णय लिया। पारस ने न्यूज एजेन्सी एएनआई को बताया- पार्टी में लोकतंत्र की कमी के कारण, हमने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से सदन में नेतृत्व बदलने का आग्रह किया था। अध्यक्ष ने हमारी चिंता को सही पाया और चिराग पासवान को बदल कर मुझे संसदीय दल का नेता स्वीकार कर लिया। उन्होंने दावा किया कि स्पीकर ने चिराग पासवान से कहा कि लोकसभा द्वारा सही फैसला लिया गया है और पार्टी का संविधान देश से अलग है।

पशुपति पारस ने कहा- कल चिराग पासवान ने अध्यक्ष से अपने फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया था। अध्यक्ष ने उनसे कहा कि पार्टी का संविधान देश से अलग है और नियमों के अनुसार सही निर्णय लिया गया है। इससे पहले शनिवार को पारस गुट ने राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी और विभिन्न प्रकोष्ठों की समितियों को भंग कर दिया। पार्टी ने सांसद चौधरी महबूब अली कैसर और वीना देवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद प्रिंस राज और चंदन सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाने की भी घोषणा की।
इससे पहले रविवार को लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई पारस को लोकसभा में चिराग पासवान के स्थान पर लोजपा के नेता के रूप में मान्यता दी गई थी, जब पार्टी के छह सांसदों में से पांच सांसदों ने उनके समर्थन में एक पत्र दिया था। स्पीकर ने पारस को निचले सदन में लोजपा के फ्लोर लीडर के रूप में स्वीकार किया। सोमवार को पार्टियों के फ्लोर नेताओं की एक संशोधित सूची में पारस को लोकसभा लोजपा नेता के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। जबकि गुरुवार को लोजपा के बागी धड़े द्वारा निर्विरोध पारस को पार्टी का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद चिराग पासवान ने कहा था कि चुनाव अवैध था क्योंकि यह लोजपा के निलंबित सदस्यों द्वारा किया गया था।
चिराग पासवान ने आगे कहा था कि उनका मानना ​​है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी को उनकी पार्टी के संविधान की जानकारी नहीं है और इसलिये उन्होंने पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता घोषित किया। लोजपा का गठन 2000 में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने किया था। बिहार की राजनीति के एक दिग्गज नेता पासवान का अक्टूबर 2020 में निधन हो गया।
इधर लोजपा महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि पारस और पार्टी के चार अन्य सांसदों द्वारा चिराग पासवान को पद से हटाने के बाद संगठन में फूट के बीच चिराग पासवान के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पहले के चुनाव की प्रतिपुष्टि करने के लिए रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के 90 से अधिक स्वीकृत सदस्य हैं और गुरुवार को पटना में हुई बैठक में उनमें से बमुश्किल नौ मौजूद थे, जिसमें पासवान के चाचा पारस को उनके स्थान पर अध्यक्ष चुना गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *