राजद कार्यालय में नेताओं को संबोधित करते लालू प्रसाद।

73 की उम्र में लालू को हो सकती है 3 साल से ज्यादा की सजा, पिछले केस की भी सजा बाकी

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाले के पांचवें केस में भी दोषी माना गया है। डोरंडा कोषागार से घोटाले में दोषी पाए गए लालू को 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। आज रांची में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने राजद सुप्रीमो समेत 75 आरोपियों को दोषी होने की सजा सुनाई। जबकि 24 आरोपियों को बरी कर दिया गया। लालू के वकील ने अब कोर्ट से जेल नहीं भेजकर रिम्स भेजने के लिए आवेदन दिया है। इस अपील पर दोपहर 2 बजे के बाद सुनवाई होगी। लालू को चारा घोटाले में दोषी पाए जाने से राजद समर्थकों में मायूसी है। आज कोर्ट ने तीन साल से कम सजा वालों को सुजा सुनाई है। लालू समेत 10 लोगों को अलग से सजा सुनाई जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि लालू को तीन साल से अधिक की सजा हो सकती है।

लालू प्रसाद और तेजस्वी।

देवघर और दुमका केस में पहले पाए जा चुके हैं दोषी
लालू प्रसाद चारा घोटाले के देवघर और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में पहले ही दोषी पाए जा चुके हैं। इन दोनों कोषागार से घोटाले में वह आधी सजा काट चुके हैं और अभी जमानत पर छूटे हुए हैं। अब डोरंडा कोषागार में दोषी पाए जाने के बाद लालू को एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है।

29 जनवरी को पूरी हुई थी बहस
कोषागार घोटाले में 29 जनवरी को सीबीआई की विशेष कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद 15 फरवरी को फैसले की तिथि नियत की गई थी। लालू पिछले दो दिनों से रांची में ही हैं। आज कोर्ट में जाने से पहले लालू के वकील प्रभात कुमार ने कहा था कि अभियुक्तों की उम्र 75 साल से अधिक है और लालू इस उम्र में जेल जाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में उन्हें राहत की उम्मीद है। इधर, पटना में राबड़ी आवास पर सुबह से सन्नाटा पसरा है। लालू की बेटे तेजस्वी, तेजप्रताप और पत्नी राबड़ी देवी पटना में ही हैं। बड़ी बेटी मीसा भारती रांची में लालू के साथ हैं।

क्या है डोरंडा ट्रेजरी घोटाला
डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी। इस घोटाले में पशुओं को स्कूटर पर ढोने की फर्जी कहानी रची गई थी। तब देश में यह पहला मामला था, जब पशुओं को स्कूटर पर ढोने की बात सामने आई थी। मामला 1990-92 का है। उस दौरान सीबीआई ने जांच में पाया था कि अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर पूरा घोटाला किया है। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और बाइक पर रांची ढोकर लाया गया था। ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसे पैदा हो सके। पशुपालन विभाग ने 1990-92 में 2 लाख 35 हजार 250 रुपए में 50 सांड़ और 65 बछिया खरीदी गई थी।

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