पटना: बिहार विधान परिषद की सभी 24 सीटों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी। महागठबंधन में राजद द्वारा सीटें दिए जाने पर कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है। इससे पहले राजद नेता एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीटों के बंटवारा पर लालू फैसला लेंगे। तेजस्वी ने पहले कांग्रेस को सीट देने से इंकार कर रखा था। उसके बाद लालू ने भी कांग्रेस नेताओं से मिलने से इंकार कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस अब अकेले मैदान में उतर रही है। पिछले बार राजद, कांग्रेस और जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था। तब राजद और जदयू ने 10-10 सीटें ली थीं। जबकि कांग्रेस को चार सीटें मिली थीं। इस बार जदयू को एनडीए में 11 सीटें मिली हैं। भाजपा 13 सीटों चुनाव लड़ रहा है। वहीं, एनडीए के सहयोगी दल वीआईपी और हम को एक भी सीट नहीं दी गई है। वीआईपी प्रमुख एवं मंत्री मुकेश सहनी ने अकेले सभी 24 सीटों पर चुनावा लड़ने का ऐलान कर दिया है।
विधायक दल के नेता अजीत गए थे लालू से मिलने
भागलपुर से कांग्रेस विधायक एवं विधायक दल के नेता अजीत शर्मा सीटों के लिए लालू प्रसाद से बात करने दिल्ली गए थे। वहां उनकी लालू से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद अजीत शर्मा ने कांग्रेस द्वारा अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। अजीत सोमवार को पटना लौटेंगे, जिसके बाद आगे की रणनीति तय होगी। बता दें राजद ने कांग्रेस छह सीटें मांग रही थी। राजद ने विधानसभा चुनाव के समय गठबंधन करते वक्त एमएलसी की छह सीटें देने का वादा भी किया था। इसी वादे को पूरा करने का दबाव कांग्रेस लगातार बना रही थी, लेकिन तेजस्वी तीन से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हो रहे थे। एक हफ्ते पहले तेजस्वी ने 18 सीटों के लिए राजद के उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने तेजस्वी से संपर्क साधना शुरू किया। मगर, दोनों दलों के नेताओं में बात नहीं बन सकी। तेजस्वी के अड़ियल रवैया को देखकर कांग्रेस नेता लालू से मिलने दिल्ली पहुंचे, लेकिन लालू ने मुलाकात नहीं की। इससे पहले उप चुनाव में भी कांग्रेस और राजद में तकरार हुई थी। तब भी कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे। इस चुनाव में राजद और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी हार गए थे।