PM मोदी के कारण कांग्रेस में हड़कंप, बड़े—बड़े नेता कर रहे हैं लोक सभा चुनाव लड़ने से इंकार

NEW DELHI : BJP के गढ़ में चुनाव लड़ने से परहेज कर रहे कांग्रेसी दिग्गज? दूसरी लिस्ट कर रही यह इशारा : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आज कांग्रेस ने अपनी 43 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। खास बात यह है कि इस लिस्ट में असम में मौजूदा सांसद गौरव गोगोई और प्रद्युत बोरदोलोई और मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से नकुल नाथ को एक बार फिर से सियासी मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा खास बात यह है कि पार्टी ने इस बार असम के बारपेटा से सांसद अब्दुल खालिक को टिकट नहीं दिया है। आज की कांग्रेस की लिस्ट में उन राज्यों पर फोकस किया गया है जहां बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 में भारी जीत हासिल की थी।

बता दें कि बीजेपी ने 2019 में असम 9 सीटें, मध्य प्रदेश में 28, राजस्थान में 25, गुजरात में 26, और उत्तराखंड में 5 सीटें जीती थीं। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट सूची में केरल से टीएन प्रतापन के बाद असम के सिटिंग सांसद खलीक का टिकट काटा है। सांसद खलीक असम की धुबरी सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने वहां से सामागुरी विधायक रकीबुल हुसैन को मैदान में उतार दिया।

उम्मीदवारों की पहली सूची में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और AICC महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल को टिकट दिया गया था। उससे संकेत मिले थे कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ना ही पड़ेगा लेकिन दूसरी लिस्ट बिल्कुल ही विपरीत संकेत दे रही है।

कांग्रेस की दूसरी लिस्ट को लेकर सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस बार कई वरिष्ठ नेताओं ने हिंदी पट्टी की सीटों से चुनाव लड़ने के दबावों के बीच आलाकमान को संकेत भेजा था कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, क्योंकि इन सीटों पर बीजेपी काफी मजबूत है। खबरें थीं कि कांग्रेस राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को चुनाव लड़ाना चाहती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वैभव जोधपुर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से हार गए थे। इस बार जालौर से वैभव गहलोत को उतारा गया है। यह कांग्रेस के लिए एक कठिन सीट है, बीजेपी पिछले चार चुनावों में पार्टी यहां से जीत चुकी है और 2019 में 56.76% वोट मिले थे।

खास बात यह है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और भंवर जितेंद्र सिंह के भी चुनाव लड़ने की संभावना थी लेकिन लिस्ट में उनका नाम नहीं है। खबरें यह भी हैं कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, गुजरात कांग्रेस के पूर्व प्रमुख भरतसिंह सोलंकी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत भी चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। वहीं इस मुद्दे पर जब अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर कार्यकर्ता उनसे लड़ने के लिए कहेंगे, तो वह लड़ सकते हैं, लेकिन उम्र एक बाधा है।

खड़गे ने कहा कि मैं 83 साल का हो गया हूं अगर कार्यकर्ता कहेंगे तो लड़ लूंगा। उन्होंने कहा कि एक पार्टी में अलग-अलग लोग अलग-अलग भूमिका निभाते हैं। कभी-कभी हम पीछे होते हैं, कभी-कभी हम सबसे आगे होते हैं, हमारे पास एक ही सीट मांगने वाले 10 लोगों की सूची भी होती है। कांग्रेस पर BJP परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं लेकिन कांग्रेस की सूची में कम से कम चार नेता ऐसे हैं जो कि वंशवाद की पॉलिटिक्स से आते हैं। वैभव के अलावा दो बार के सांसद और असम के दिवंगत दिग्गज कांग्रेस नेता तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई; नकुल नाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री योगेन्द्र मकवाना के बेटे भरत मकवाना को भी टिकट दिया गया है।

खास बात यह है कि चुरू सीट से कांग्रेस ने राहुल कासवां को टिकट दिया है, वे बीजेपी से टिकट कटने से नाराज थे और वे तुरंत ही कांग्रेस में चले गए थे। खास बात यह है कि कांग्रेस की इस लिस्ट में कई मौजूदा विधायक हैं जो हाल के विधानसभा चुनावों में जीते हैं। मध्य प्रदेश में, उनमें भिंड (एससी) सीट से भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया, सतना सीट से सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाह और मंडला (एसटी) सीट से डिंडोरी विधायक ओंकार सिंह मरकाम का नाम भी है।

 

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