एआईएमआईएम के विधायकों का मिठाई खिलाकर स्वागत करते नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। Image Source : twitter

ओवैसी के 4 MLA राजद में शामिल हुये, 80 विधायकों संग राजद सबसे बड़ी पार्टी

Patna : प्रदेश में बुधवार दोपहर को बड़ा राजनीतिक बवाल हो गया। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पांच में से चार विधायक दल बदल कर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गये। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद ड्राइव करके चारों विधायक को विधानसभा ले गये।
इस दलबदल की कार्रवाई के बाद लालू की पार्टी विधानसभा में नंबर वन पार्टी बन गई है। तेजस्वी यादव ने खुद चार विधायक शाहनवाज, इजहार, अंजार नयानी और सैयद रुकुंदिन को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के कक्ष में लेकर गये। इसके बाद उन्होंने अपना समर्थन पत्र सौंपा। एआईएमआईएम में अब सिर्फ इसके प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरूल ईमान ही बचे हैं।

हालांकि इस ब्रेकडाउन का नीतीश सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राज्य में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है। एनडीए के पास फिलहाल 127 विधायक हैं। भाजपा (77 विधायक) और जद (यू) (45 विधायक) के पास एक साथ 122 विधायक हैं। जीतन राम मांझी की पार्टी HAM को भी 4 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है, उनके चले जाने पर भी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है।
AIMIM ने विधानसभा चुनाव में 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा, बहुजन समाज पार्टी समेत छह पार्टियों का गठबंधन बना। उन्होंने सीमांचल में तेज रैलियां कर अपने पक्ष में राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश की। परिणाम भी शानदार रहा, जिसमें सीमांचल के 16 में से 5 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।

ओवैसी की पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार किशनगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में जीत हासिल की। हालांकि 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे , लेकिन उस वक्त उन्हें सफलता नहीं मिली थी।
एआईएमआईएम के टूटने के बाद प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा- हमारे साथ धोखा हुआ है। जो पार्टी आपसी सहयोग की बात करती थी, उसने सच के साथ विश्वासघात किया है। हमारी पार्टी छोड़ने वाले लोग मीर जाफर हैं। सीमांचल के लोगों ने उसे अपने न्याय के लिए लड़ने के लिए चुना था, लेकिन उन्होंने सीमांचल को धोखा दिया है। अब सीमांचल की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।

विधानसभा चुनाव-2020 में राजद 75 सीटें जीतकर नंबर एक पार्टी बन गई थी। बोचाहा उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद उसकी संख्या 76 हो गई थी। अब ओवैसी की पार्टी के चार विधायकों के शामिल होने से इसकी संख्या बढ़कर 80 हो गई है। और यह बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

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