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अब पटना नहीं रहा स्मार्ट- रैंकिंग में लुढ़ककर 100 में 82वें पायदान पर

Patna : स्मार्ट सिटीज मिशन द्वारा देश भर के सभी 100 स्मार्ट शहरों की रैंकिंग जारी की गई है। स्मार्ट सिटी मिशन के सात साल पूरे होने के मौके पर नये मानकों के आधार पर यह रियल टाइम रैंकिंग जारी की गई है। जारी रैंकिंग में राजधानी पटना को 82वें स्थान पर रखा गया है। इस बार रैंकिंग में पटना अन्य तीन शहरों बिहार, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ से नीचे पहुंच गया है।
स्मार्ट सिटी मिशन ने रैंकिंग के मापदंडों में बदलाव किया है, जिसकी वजह से पटना नीचे खिसक गया। यह जून-2022 की रैंकिंग है। पिछले महीने मई में पटना 100 शहरों में 54वें स्थान पर था, अब यह 82वें स्थान पर आ गया है। पटना से ऊपर भागलपुर 76वें, मुजफ्फरपुर 78वें और बिहारशरीफ 81वें नंबर पर है।

पटना की राज्य में सबसे खराब रैंकिंग है। परियोजना की भौतिक और वित्तीय प्रगति को 50 में से 10 अंक घटा दिया गया है, जो बहुत खराब स्थिति को दर्शाता है। रैंकिंग में गिरावट का मुख्य कारण पटना के लिए माइनस मार्किंग है। वित्तीय और भौतिक प्रगति के लिए निर्धारित कुल 50 में से माइनस 10 अंक हैं।
इसी तरह, पिछले महीने खर्च की गई धनराशि की स्थिति के लिए माइनस 10 और स्मार्ट सिटी मिशन की अन्य चुनौतियों को पूरा नहीं करने पर शून्य दिया जाता है। जारी रैंकिंग में हम सभी मानकों पर कमजोर दिख रहे हैं। स्मार्ट सिटी मिशन से प्राप्त राशि से पटना को 50 में से 3.58 अंक ही काम पूरा करने में मिले हैं।
अन्य स्रोतों से प्राप्त धनराशि की बात करें तो उसे 20 में से केवल 8.24 अंक, निधि हस्तांतरण के लिए 10 में से 3.83 अंक, निधि उपयोग के लिए 50 में से केवल 11.8 अंक प्राप्त हुए हैं। इंदौर को 250 में 220.41, पटना को 16.83 अंक, भागलपुर को 76वें, मुजफ्फरपुर को 78वें नंबर पर मिला है।
शहरों की रैंकिंग तय करने से पहले वहां की परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति का अध्ययन किया गया। विभिन्न कार्यों के लिए कुल 250 अंक आवंटित किए गए हैं। परीक्षा में इंदौर ने 250 में से 220.41 अंक लेकर टॉप किया है। वहीं पटना को 16.83 अंक ही मिल सके हैं।
समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने और फंड का सदुपयोग नहीं कर पाने के कारण पटना को माइनस मार्किंग मिली है। निर्माणाधीन परियोजनाओं में पटना जंक्शन मेट्रो, सड़क और मंदिरी नाला पर इसका नवीनीकरण, तीन स्मार्ट स्कूलों का निर्माण और एकीकृत कमान और नियंत्रण प्रणाली की स्थापना शामिल है।

स्मार्ट सिटी मिशन ने अब पहले की तुलना में शहरों की रैंकिंग को नए मानकों में बांध दिया है। परियोजना को समय पर पूरा किया जाना है और वित्तीय प्रगति की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है। पटना की रैंकिंग के पीछे मुख्य कारण यह है कि कोई भी प्रोजेक्ट समय सीमा के साथ पूरा नहीं हुआ। जबकि इंदौर, भोपाल, उदयपुर, सूरत, आगरा आदि शहरों में परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया गया है।

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