पटना : पटना हाईकोर्ट ने डीजीपी एसके सिंघल को आदेश दिया है कि वे सभी जिलों और शहर में एक स्पेशल जुवेनाइल पुलिस इकाई बनवाएं। साथ ही न्यायिक अफसरों को जुवेनाइल कानून, पॉक्सो एक्ट और अन्य बाल अपराध/बाल संरक्षण कानून की विशेष ट्रेनिंग दिलाएं। जो भी पुलिस अधिकारी इन मामलों की जांच कर रहे हैं, उन्हें ट्रेनिंग मिलने के बाद बेहतर तरीके से केस का निपटारा होगा। दरअसल, गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने गोपाल गुप्ता की क्रिमिनल रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह फैसला दिया। जज ने मामले की सुनवाई करते हुए हैरानी जताया कि अपह्त नाबालिग लड़की की बरामदगी के बाद तीन दिन तक पुलिस थाने में कैसे रखा गया ? उस नाबालिग को न्यायिक दंडाधिकारी के सामने बयान दिलवाने के बाद फिर उसे थाने में रात भर रहना पड़ा, यह पुलिस की असंवेदनहीनता को दर्शाता है। जज ने कहा कि पुलिस को लड़कियों और किशोरों पर होने वाले अपराध के प्रति संवेदनशील बनना होगा।
1475 वार्डों में नल-जल योजना में हुई धांधली, एफआईआ होगी दर्ज
पंचायत राज मंत्री सम्राट चौधरी ने एक जांच रिपोर्ट के आधार पर 1475 वार्डों के वार्ड सदस्य और उस पंचायत के मुखिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। दरअसल, 1475 वार्डों में नल-जल योजना में धांधली हुई है। जिसकी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार को मंत्री ने कार्रवाई का आदेश दिया। साथ ही डीएम, डीपीआरओ और बीडीओ को निर्देश दिया कि पंचायत से शिकायत आने पर संबंधित मुखिया और वार्ड पार्षद को नोटिस भेजें। 15 दिनों में उन पर कार्रवाई नहीं हुई तो विभाग कार्रवाई करेगा।