Patna : अब मुंगेर से मोबाइल टॉर्च में हो रही परीक्षा का एक वीडियो सामने आया है। दरअसल, बुधवार को कॉलेजों की बीए पार्ट वन की परीक्षा हो रही थी। आरडी एंड डीजे कॉलेज में रात 11 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक इतिहास की परीक्षा हुई। इस परीक्षा में अचानक खराब मौसम के कारण परीक्षा हॉल में अंधेरा छा गया। कॉलेज में बिजली का कनेक्शन था लेकिन लाइट कट गई।
जब जनरेटर चलाने की बात आई तो वह भी खराब निकला। छात्रों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद निरीक्षक ने मशाल जलाने की अनुमति दी। रोके जाने के बावजूद परीक्षार्थियों ने मोबाइल फ्लैशलाइट के सहारे परीक्षा देना शुरू कर दिया।
परीक्षा की ये तकनीक बिहार से बाहर नहीं जानी चाहिए. pic.twitter.com/dQD1g08j6k
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) June 29, 2022
इसी बीच एक छात्र ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। परीक्षा हॉल में मोबाइल लाने पर पाबंदी है। इसके बावजूद परीक्षा हॉल के अंदर सभी परीक्षार्थियों के पास मोबाइल थे। इससे पहले भी बिहार में कभी पुलिस की गाड़ी की हेडलाइट में तो कभी दरवाजे पर बैठकर परीक्षा की तस्वीरें सामने आती रहती हैं।
यह सरकारी उदासीनता का जीताजागता नमूना है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य विक्की आनंद ने बताया कि मोबाइल टॉर्च के सहारे परीक्षा देने का वीडियो सामने आते ही मुंगेर विश्वविद्यालय प्रवेश, परीक्षा, परिणाम तीनों में पिछड़ रहा है। परीक्षा नियंत्रण विभाग ने परीक्षा से पहले ये तैयारी कर ली थी।
परीक्षा हॉल में किन परिस्थितियों में मोबाइल ले जाने की अनुमति है। अगर अंधेरा था तो मोमबत्ती या जनरेटर की व्यवस्था पहले से क्यों नहीं की गई। अब उन छात्रों का क्या होगा? मोबाइल अंदर होता तो क्या कदाचार नहीं होता।
मुंगेर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राम आशीष ने बताया कि सवाल-जवाब डीजे कॉलेज के केंद्र अधीक्षक संजय भारती से किया गया है। उन्हें नोटिस दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी महाविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि लाइट की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जनरेटर या मोमबत्तियों की व्यवस्था जरूर करें। लेकिन किन परिस्थितियों में छात्रों के पास मोबाइल था। यह एक गंभीर विषय है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। जांच दल गठित किया गया है।