पटना
बिहार की राजनीति इस बार बड़े रोचक मोड़ पर जाती दिख रही है। जहां परंपरागत दोस्त एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं तो राजनीतिक विरोधी एक दूसरे के करीब आते दिख रहे हैं। अब आप हम पार्टी के जीतन राम मांझी को ही ले लीजिए। पूर्व सीएम मांझी एक वक्त नीतीश कुमार के खिलाफ महागठबंधन का हिस्सा थे। आज वह नीतीश की तारीफ कर रहे हैं। इसी तरह एलजेपी के चिराग पासवान को ही देखिए। एनडीए में नीतीश के सहयोगी चिराग पिछले कुछ दिनों में सरकार को ऐसे घेर रहे थे, मानों खुद ही विपक्ष हों। इसी क्रम में आज राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम जुड़ गया है। तेजस्वी को अचानक से चिराग की चिंता होती दिख रही है।
अब आप कोई अनुमान लगाएं उससे पहले पूरी बात जान लें। असल में सोमवार को बिहार में जदयू की पहली वर्चुअल रैली थी। इस रैली से जदयू ने एक तरह से चुनावी बिगुल फूंक ही दिया है। इसी रैली के तुरंत बाद तेजस्वी ने कुछ बयान दिए जिनमें से एक चिराग पासवान को लेकर था। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार एलजेपी नेता और सांसद चिराग पासवान की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं। यही वजह है कि वो जीतनराम मांझी की पार्टी से लगातार चिराग के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
बिहार बेरोज़गारी में: नंबर-1
गरीबी और पलायन में:नंबर-1
बदहाल कानून व्यवस्था में: नंबर-1
दलितों के ख़िलाफ अत्याचार में: नंबर-1
फिसड्डी शिक्षा-स्वास्थ्य व्यवस्था में: नंबर-1
रिश्वतख़ोरी,घोटालों और भ्रष्टाचार में: नंबर-1
लूट,हत्या,अत्याचार और बलात्कार में: नंबर-1#BiharRejectsNitish pic.twitter.com/qgCVtcWTGX— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 7, 2020
अब तेजस्वी के इस आरोप में कितनी सच्चाई है वो या तो तेजस्वी जानते हैं, या नीतीश या फिर खुद चिराग। हम तो केवल हर तरह की राजनीति को समझने वाली बिहार की जनता तक सबकी बातें पहुंचा रहे हैं। असल में चुनावी राजनीति में फैसला भी तो जनता जनार्दन को ही करना है। असल में ये मामला यूं ही नहीं शुरू हुआ है।
आज हमने CM जी से 10 सवाल पूछे थे, परन्तु उनका जवाब उन्होंने नहीं दिया। वर्चुअल रैली में मुख्यमंत्री जी परेशान दिख रहे थे, जो हाल 1 मार्च की रैली में हुआ था सुपर डुपर फ्लॉप, उसी तरह का हाल इनकी वर्चुअल रैली का हो गया। बिहार की जनता ने नीतीश जी को नकार दिया : तेजस्वी यादव, RJD pic.twitter.com/cHJmawUY2V
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 7, 2020
ये कहानी उसी वक्त से शुरू हो गई है जिस वक्त मांझी एनडीए का हिस्सा बने। चिराग हमला तो नीतीश पर कर रहे थे लेकिन मांझी ने अपनी तरफ से जवाब दिया कि अगर ये जारी रहा तो चिराग को जवाब मिलेगा। यहां तक कि लोजपा और हम के बीच कुछ पोस्टर वार भी देखे गए। हम ने तो यहां तक कह दिया कि अगर चिराग की पार्टी जदयू के खिलाफ कैंडिडेट देगी तो यही काम एनडीए की तरफ से भी हो सकता है।
Live-निश्चय संवाद https://t.co/77YhLhKmYX
— Nitish Kumar (@NitishKumar) September 7, 2020
अब अगर सत्ताधारी गठबंधन खुलेआम इस तरह की फूट दिखाएगा तो विपक्ष को तो बैठे बिठाए मौका मिल जाएगा। तेजस्वी यादव ने इसी मौके को ताड़ा है और लगे हाथ नीतीश पर आरोप लगा दिया है। तेजस्वी ने तो यहां तक कह दिया है कि उनकी लड़ाई जदयू से नहीं बल्कि भाजपा से है और नीतीश अकेले लड़ें तो उनकी पार्टी की जमानत जब्त हो जाएगी। जंगलाराज के आरोप पर तेजस्वी ने कहा कि अभी राक्षसराज चल रहा है और नीतीश कुमार मुद्दे से भाग रहे हैं।